फंडामेंटल ऑफ़ इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी

 इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के फंडामेंटल्स में डेटा कलेक्शन, प्रोसेसिंग, और स्टोरेज के तरीके, सॉफ़्टवेयर डेवेलपमेंट, नेटवर्किं, और सुरक्षा शामिल होते हैं। इसका उद्देश्य जानकारी को अच्छी तरह से संगठित करना और साझा करना है।

कंप्यूटर मेमोरी उसकी कार्रवाईयों को तात्कालिक रूप से संचित करने वाला स्थान है, जो प्रोसेसिंग के दौरान डेटा और इंस्ट्रक्शन्स को धारित करता है। सामान्यत: रैम (RAM) इसका एक उदाहरण है।


स्टोरेज, विशेष रूप से डेटा को स्थायी रूप से संग्रहित करने के लिए है, ताकि यह बाद में एक्सेस किया जा सके। हार्ड ड्राइव्स, सॉलिड स्टेट ड्राइव्स, और ऑप्टिकल ड्राइव्स इसमें शामिल हो सकते हैं।

सिस्टम सॉफ्टवेयर एक कंप्यूटर सिस्टम के मौखिक और साक्षर एलेमेंट्स को संचालित करने के लिए आवश्यक होता है। इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम, ड्राइवर्स, और अन्य निर्दिष्ट उपयोगकर्ता के लिए आवश्यक तंतु-सॉफ्टवेयर शामिल हो सकता है। यह कंप्यूटर हार्डवेयर को चलाने और उपयोगकर्ता सॉफ्टवेयर को संचालित करने में मदद करता है।

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर है जो उपयोगकर्ता को किसी विशिष्ट कार्य को करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। ये प्रोग्राम्स विभिन्न उद्देश्यों के लिए बनाए जाते हैं, जैसे कि ऑफिस सुइट्स, गेम्स, वेब ब्राउज़र्स, ग्राफिक्स एडिटिंग टूल्स, और अन्य उपयोगकर्ता आवश्यकताओं को पूरा करने वाले सॉफ्टवेयर होते हैं।

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं को विभिन्न कार्यों को सरल बनाने और सुधारने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। इसमें विभिन्न उपयोगी उपकरण शामिल हो सकते हैं जैसे कि एंटीवायरस, डिस्क क्लीनर, ऑपरेटिंग सिस्टम की रफ़्तार बढ़ाने वाले टूल्स, फ़ाइल मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर, और नेटवर्क सुरक्षा उपकरण। इन सॉफ्टवेयरों का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को सिस्टम का सही तरीके से प्रबंधित करने में मदद करना है।

मोबाइल एप (Mobile App) एक सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन है जो स्मार्टफोन या टैबलेट डिवाइस पर इंस्टॉल किया जा सकता है। ये एप्लिकेशन विभिन्न उद्देश्यों के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जैसे कि सोशल मीडिया, गेम्स, बैंकिंग, शॉपिंग, न्यूज़, और अन्य उपयोगकर्ता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए।

कंप्यूटर में नंबर सिस्टम आमतौर पर दो प्रमुख प्रकार के होते हैं: बाइनरी (Binary) और डेसिमल (Decimal)।


1. **बाइनरी (Binary):** इसमें केवल दो अंक होते हैं, 0 और 1। यह कंप्यूटर के सर्किट्स के स्तर पर आसानी से प्रदर्शित करने के लिए उपयोग होता है।


2. **डेसिमल (Decimal):** इसमें 0 से 9 तक के दस अंक होते हैं। इससे हम सामान्य गणना करते हैं और आमतौर पर इससे संख्याएं प्रदर्शित करते हैं।


कंप्यूटर में इसके अलावा हेक्साडेसिमल (Hexadecimal) भी प्रचलित है, जिसमें 0 से 9 और A से F तक के अंक होते हैं। यह बड़ी संख्याएं को संज्ञान में रखने के लिए उपयोग होता है

ऑक्टल नंबर सिस्टम एक प्रकार का संख्या प्रणाली है जिसमें आठ अंक होते हैं, 0 से 7 तक के। यह संख्या प्रणाली बाइनरी (2) से अधिक कंप्यूटरी आदर्शों के लिए उपयोग होती है।


ऑक्टॉल नंबर सिस्टम में हर एक अंक को आठ के वर्ग में प्रस्तुत किया जाता है। इसमें बिना आधिकारिक विचार के 8 की बहुलक का प्रतिनिधित्व किया जाता है।


उदाहरण के लिए:

- 8 का ऑक्टॉल प्रतिष्ठान 10 में 1 के बराबर होता है।

- 18 का ऑक्टॉल प्रतिष्ठान 10 में 1 और 8 के बराबर होता है।


ऑक्टॉल सिस्टम विशेषकर UNIX ऑपरेटिंग सिस्टम और इंजनियरिंग डोमेन में उपयोग होता है।

डेसिमल संख्या को ऑक्टॉल में बदलने के लिए, आपको डेसिमल संख्या को ऑक्टॉल में बदलने के लिए एक विशिष्ट प्रक्रिया का अनुसरण करना होता है। निम्नलिखित उदाहरण देखें:


1. **डेसिमल संख्या:** 53


2. **ऑक्टॉल में बदलें:**

   - बड़ी से छोटी तक लगातार 2 से भाग करें और बचा हुआ अंश नोट करें.

   - 53 ÷ 8 = 6 (बचा हुआ अंश 5)

   - 6 ÷ 8 = 0 (बचा हुआ अंश 6)

   - उत्तर को उलटे क्रम में लिखें: 6 5 (ऑक्टॉल में उत्तर)


इस प्रक्रिया के अनुसार, डेसिमल संख्या 53 का ऑक्टॉल में उत्तर 65 है।

हेक्साडेसिमल संख्या को डेसिमल संख्या में बदलने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का अनुसरण किया जाता है:


1. **हेक्साडेसिमल संख्या:** उदाहरण के लिए, 1A3


2. **प्रत्येक अंक को डेसिमल में बदलें:**

   - 1 = 1

   - A = 10 (हेक्साडेसिमल में A का मूल्य 10 होता है)

   - 3 = 3


3. **प्रत्येक अंक को 16 के साथ घना करें:**

   - 1 = 1 * 16^2 = 256

   - A = 10 * 16^1 = 160

   - 3 = 3 * 16^0 = 3


4. **सभी परिणामों को जोड़ें:**

   - 256 + 160 + 3 = 419


इस प्रक्रिया के अनुसार, हेक्साडेसिमल संख्या 1A3 का डेसिमल में उत्तर 419 है।

"MCQs and Exercises Problem" का शीर्षक आमतौर पर किसी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम या पुस्तक के भाग को सूचित करता है जिसमें चयन-आधारित प्रश्न (MCQs - Multiple Choice Questions) और अभ्यास समस्याएं होती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को अधिक प्रैक्टिस और स्वाध्याय के लिए संदर्भ प्रदान करना है, जिससे वे सीखे गए विषय को समझें और उसमें माहिर हों।


ऐसे प्रश्न और समस्याएं छात्रों को विषय की समझ, सोचने की क्षमता, और अनुप्रयोग करने की क्षमता को मूल्यांकन करने का अवसर प्रदान करती हैं। इसके माध्यम से शिक्षार्थी अधिक सकारात्मक शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

              चैप्टर 2 पीसी असेंबली एंड ऑपरेटर

पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer या PC) एक व्यक्तिगत उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया कंप्यूटर है। यह एक्सप्लोरेशन, विभिन्न कार्यों, और मनोरंजन के लिए इंटरनेट ब्राउज़ करने, डॉक्यूमेंट्स बनाने, गेम्स खेलने, वीडियो और ऑडियो संग्रहित करने, और अन्य कार्यों के लिए उपयोग होता है।


पर्सनल कंप्यूटर्स को आमतौर पर डेस्कटॉप, लैपटॉप, और टैबलेट कंप्यूटर्स के रूप में देखा जा सकता है। ये कंप्यूटर्स व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं और आमतौर पर उपयोगकर्ता द्वारा इंस्टॉल किए जा सकने वाले सॉफ़्टवेयर के साथ आते हैं।

कंप्यूटर कई प्रकार के होते हैं, जो विभिन्न उद्देश्यों के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। यहां कुछ प्रमुख प्रकार की कंप्यूटर हैं:


1. **पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer):** इनमें डेस्कटॉप, लैपटॉप, और टैबलेट कंप्यूटर्स शामिल होते हैं, जो व्यक्तिगत उपयोग के लिए होते हैं।


2. **सर्वर:** ये बड़े नेटवर्क्स और सिस्टम्स को प्रबंधित करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं और विभिन्न सेवाएं प्रदान करने में मदद करते हैं।


3. **मेनफ्रेम कंप्यूटर:** इनमें बड़े और उच्च प्रदान क्षमता वाले सिस्टम्स शामिल होते हैं, जो बड़ी स्केल पर डेटा प्रोसेसिंग करते हैं।


4. **सुपरकंप्यूटर:** ये विशेषता से उच्च प्रदान क्षमता वाले कंप्यूटर होते हैं जो विज्ञान, अनुसंधान, और अन्य उच्च स्तरीय गणना के लिए उपयोग होते हैं।


5. **एम्बेडेड कंप्यूटर:** इन्हें अन्य डिवाइस में स्थापित किया जाता है, जैसे कि स्मार्टफोन, ऑटोमेटेड सिस्टम्स, और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस।


इनमें से प्रत्येक का अपना उद्देश्य और उपयोग होता है।

"पार्ट ऑफ़ अ कंप्यूटर" का संदर्भ बहुत सारे अंशों को देखता है, क्योंकि कंप्यूटर विभिन्न भागों में विभाजित होता है। यदि आप किसी विशिष्ट प्रमुख अंश की बात कर रहे हैं, तो कृपया और स्पष्ट करें।


1. **हार्डवेयर पार्ट्स:** इसमें प्रमुख हार्डवेयर पार्ट्स शामिल होते हैं जैसे कि सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU), मद (मेमोरी), हार्ड ड्राइव, मॉदर्न, पावर सप्लाई, और मद्दों का मॉद्यूल।


2. **सॉफ़्टवेयर:** इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लीकेशन सॉफ़्टवेयर, ड्राइवर्स, और अन्य सॉफ़्टवेयर शामिल होते हैं जो कंप्यूटर को संचालित करने में मदद करते हैं।


3. **नेटवर्क इंटरफेस:** यह उपकरण नेटवर्क से संबंधित होते हैं, जो कंप्यूटर को नेटवर्क में शामिल होने की अनुमति देते हैं।


4. **इंपुट और आउटपुट डिवाइस:** इनमें कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर, स्कैनर, और अन्य इंपुट और आउटपुट डिवाइस शामिल होते हैं।


5. **ऑप्टिकल ड्राइव्स:** इनमें सीडी/डीवीडी रीडर शामिल होते हैं जो डेटा पढ़ने और लेखने के लिए उपयोग होते हैं।


इन सभी अंशों का मेलमिलाप, कंप्यूटर को सही तरीके से कार्य करने में मदद करता है।

फ़ॉन्ट्स को बदलने या चयन करने का तरीका आपके उपयोग कर रहे कंप्यूटर की ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लिकेशन पर निर्भर करता है। यहां आम तरीके हैं:


**Windows पर:**

1. अपने डॉक्यूमेंट या एप्लिकेशन खोलें जहां आप फॉन्ट बदलना चाहते हैं।

2. फॉन्ट्स को बदलने के लिए, सामान्यत: एडिट या फॉर्मैट मेनू में "फॉन्ट" या "टेक्स्ट स्टाइल" विकल्प हो सकता है।

3. आप वहां से फॉन्ट का चयन कर सकते हैं और अनुकूलन करने के लिए विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं।


**Mac पर:**

1. एप्लिकेशन खोलें जिसमें आप काम कर रहे हैं, फिर डॉक्यूमेंट खोलें जिसमें आप फॉन्ट बदलना चाहते हैं।

2. मेन्यू से "फॉरमैट" या "टेक्स्ट" विकल्प चुनें।

3. फॉन्ट के विकल्पों में, आप वहां से अगर फॉन्ट बदलना चाहते हैं तो उसे चुन सकते हैं।


यह विकल्प स्पष्ट नहीं हैं, क्योंकि यह विभिन्न एप्लिकेशन और ऑपरेटिंग सिस्टम्स के बीच भिन्न हो सकते हैं। आपके उपयोग कर रहे सॉफ़्टवेयर में "फॉन्ट" या "टेक्स्ट स्टाइल" से संबंधित विकल्प खोजें और उन्हें अनुसरण करें।

"बैक साइड ऑफ़ अ कंप्यूटर" या कंप्यूटर के पीछे का हिस्सा आमतौर पर हार्डवेयर की भीतरी संरचना और कंपोनेंट्स को सूचित करता है। इसमें विभिन्न हार्डवेयर कंपोनेंट्स और कनेक्टर्स शामिल होते हैं जो कंप्यूटर को सही तरीके से काम करने में मदद करते हैं।


1. **पोर्ट्स और कनेक्टर्स:** बैक साइड पर आपको विभिन्न पोर्ट्स और कनेक्टर्स देखने को मिलेंगे जैसे कि USB पोर्ट्स, HDMI पोर्ट्स, इथरनेट कनेक्टर्स, और ऑडियो जैक्स।


2. **पावर सप्लाई:** बैक साइड पर पावर सप्लाई कनेक्टर होता है जिससे कंप्यूटर को बिजली से जोड़ा जा सकता है।


3. **कूलिंग फैन्स और वेंटिलेशन:** कंप्यूटर के पीछे कूलिंग फैन्स और वेंटिलेशन ग्रिल्स भी हो सकते हैं जो हॉट आवयवों को ठंडा करने और सही तापमान बनाए रखने में मदद करते हैं।


4. **एक्स्पैंशन स्लॉट्स:** इनमें आप एक्स्टर्नल कंपोनेंट्स जोड़ने के लिए स्थान प्रदान करते हैं, जैसे कि ग्राफ़िक्स कार्ड, साउंड कार्ड, और अन्य एड-ऑन कार्ड्स।


इन सभी कंपोनेंट्स और बैक साइड पर कनेक्टर्स कंप्यूटर की व्यावसायिक और व्यक्तिगत उपयोग की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं।

"सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन समरी" से आमतौर पर आप कंप्यूटर सिस्टम की मुख्य तकनीकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें निम्नलिखित जानकारी शामिल हो सकती है:


1. **ऑपरेटिंग सिस्टम:** यह बताता है कि कंप्यूटर किस ऑपरेटिंग सिस्टम पर चल रहा है, जैसे Windows, macOS, या Linux।


2. **प्रोसेसर (CPU):** इसमें प्रोसेसर का मॉडल और गति की जानकारी शामिल होती है, जो कंप्यूटर की क्षमता को दर्शाता है।


3. **मेमोरी (RAM):** यह बताता है कि कितनी RAM कंप्यूटर में है, जो स्थायी और अस्थायी डेटा को संचित करती है।


4. **स्टोरेज:** यह बताता है कि कितना स्टोरेज कंप्यूटर में है, जिसमें आपके फ़ाइलें और ऑपरेटिंग सिस्टम संग्रहित होते हैं।


5. **ग्राफ़िक्स:** ग्राफ़िक्स कार्ड की जानकारी, जो विजुअल इंटेंसिव कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है, यहां दी जा सकती है।


6. **नेटवर्क जानकारी:** यह बताता है कि कंप्यूटर कैसे नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, जैसे कि इंटरनेट के माध्यम से या लोकल नेटवर्क के माध्यम से।


आप इस जानकारी को देखने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि सिस्टम प्रॉपर्टीज़ विंडोज़ में या सिस्टम रिपोर्ट्स लिनक्स में।


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