शराब पीने से खराब हो सकता है यह अंग
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हृदय (दिल): शराब का अत्यधिक सेवन उच्च रक्तचाप, हृदय की धड़कन में अनियमितता (अरीथमिया), हृदय रोग, और स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
मस्तिष्क (दिमाग): शराब पीने से मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है। यह स्मृति ह्रास, अवसाद, और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है।
पाचन तंत्र: शराब का अधिक सेवन पेट, आंतों, और पैनक्रियास (अग्न्याशय) को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे गैस्ट्राइटिस, अल्सर, और पैनक्रियाटाइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
किडनी (गुर्दे): शराब का दीर्घकालिक सेवन किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।
इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली): शराब पीने से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
हड्डियाँ और मांसपेशियाँ: शराब का अत्यधिक सेवन हड्डियों की कमजोरी, मांसपेशियों की हानि, और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
इसलिए, शराब का सेवन नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए या बिल्कुल नहीं करना चाहिए ताकि इन सभी स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके।
शराब का लिवर पर गहरा और हानिकारक प्रभाव पड़ता है। लिवर शराब को मेटाबोलाइज करता है, लेकिन अत्यधिक शराब पीने से लिवर की क्षमताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यहाँ लिवर पर शराब के कुछ मुख्य प्रभाव बताए गए हैं:
1. **फैटी लिवर (वसायुक्त यकृत)**: शराब का अधिक सेवन लिवर की कोशिकाओं में वसा जमा कर देता है, जिससे लिवर का आकार बढ़ सकता है और यह ठीक से काम नहीं कर पाता। इसे अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (AFLD) कहते हैं।
2. **अल्कोहलिक हेपेटाइटिस**: यह लिवर की सूजन है जो अत्यधिक शराब पीने से होती है। इसके लक्षणों में पेट में दर्द, बुखार, पीलिया (जॉन्डिस), और भूख की कमी शामिल हैं। गंभीर मामलों में यह जानलेवा हो सकता है।
3. **लिवर सिरोसिस**: लंबे समय तक अत्यधिक शराब पीने से लिवर में स्थायी और गंभीर क्षति हो सकती है। सिरोसिस में स्वस्थ लिवर ऊतक क्षतिग्रस्त हो जाता है और इसके स्थान पर फाइब्रस ऊतक (सख्त ऊतक) बन जाता है, जिससे लिवर की कार्यक्षमता काफी हद तक कम हो जाती है। सिरोसिस लिवर कैंसर का भी कारण बन सकता है।
4. **लिवर कैंसर**: लिवर सिरोसिस और अल्कोहलिक हेपेटाइटिस लिवर कैंसर के विकास का खतरा बढ़ा सकते हैं।
5. **लिवर फेलियर**: अत्यधिक शराब पीने से लिवर की कार्यक्षमता इतनी कम हो सकती है कि यह पूरी तरह से फेल हो सकता है, जिसे लिवर फेलियर कहते हैं। इसमें लिवर अपने सभी कार्य बंद कर देता है, जिससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
लिवर को शराब से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए, शराब का सेवन नियंत्रित मात्रा में करें या पूरी तरह से त्याग दें। यदि किसी को लिवर की समस्या है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।
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