GST क्या है किसे लेना चाहिए किसे नही लेना चाहिए
**GST (Goods and Services Tax)** एक **एकीकृत कर प्रणाली (Unified Tax System)** है, जो भारत में **1 जुलाई 2017** से लागू हुई थी।
👉 **पूरा नाम:** Goods and Services Tax
👉 **हिंदी में मतलब:** वस्तु एवं सेवा कर
### 📘 **GST क्या करता है?**
पहले भारत में हर राज्य और केंद्र सरकार अपने-अपने टैक्स लगाती थी — जैसे:
* **VAT (Value Added Tax)**
* **Service Tax (सेवा कर)**
* **Excise Duty (उत्पाद शुल्क)**
* **Entry Tax, Octroi आदि**
इन सभी टैक्स को मिलाकर अब सिर्फ **एक कर** — **GST** लगाया जाता है।
इससे टैक्स सिस्टम **सरल, पारदर्शी और एक समान** हो गया।
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### ⚙️ **GST कैसे काम करता है?**
जब कोई वस्तु या सेवा **बेची या खरीदी जाती है**, तब उस पर GST लगता है।
सरकार को यह टैक्स हर स्टेज पर मिलता है —
जैसे:
1. **Manufacturer (निर्माता)**
2. **Wholesaler (थोक व्यापारी)**
3. **Retailer (खुदरा व्यापारी)**
4. **Customer (ग्राहक)**
हर चरण में **Value Added Tax** केवल बढ़े हुए मूल्य पर ही लिया जाता है — इसलिए इसे “Value Added Tax” भी कहते हैं।
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### 💰 **GST के मुख्य प्रकार:**
1. **CGST (Central GST)** — केंद्र सरकार को जाता है।
2. **SGST (State GST)** — राज्य सरकार को जाता है।
3. **IGST (Integrated GST)** — जब सामान एक राज्य से दूसरे राज्य में बेचा जाए।
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### 📊 **GST की मुख्य दरें (Rates):**
भारत में चार प्रमुख GST स्लैब हैं —
| स्लैब | दर (%) | उदाहरण |
| ----- | ------------------------ | ------------------------------ |
| 0% | कुछ जरूरी चीजें | दूध, फल, सब्जियां |
| 5% | रोज़मर्रा की चीजें | ब्रेड, शुगर, दवा |
| 12% | सामान्य वस्तुएं | मोबाइल, कपड़े |
| 18% | सेवाएं व सामान्य वस्तुएं | रेस्टोरेंट बिल, इलेक्ट्रॉनिक्स |
| 28% | लग्ज़री आइटम | कार, एयर कंडीशनर |
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### ✅ **GST के फायदे:**
* देशभर में **एक समान टैक्स प्रणाली**
* **डबल टैक्स** खत्म हुआ
* **ऑनलाइन टैक्स सिस्टम (GST Portal)**
* **पारदर्शिता बढ़ी**
* **व्यापार में आसानी (Ease of Doing Business)*
## 🧾 **GST Registration किसे लेना चाहिए?**
### 🔹 1. **व्यापारी या बिजनेस जिनका सालाना कारोबार तय सीमा से ज़्यादा है**
| व्यापार का प्रकार | वार्षिक कारोबार (Turnover) सीमा | अनिवार्य GST रजिस्ट्रेशन |
| --------------------------------- | ------------------------------- | ------------------------ |
| केवल सामान (Goods) बेचने वाले | ₹40 लाख से ज़्यादा | हाँ |
| केवल सेवाएं (Services) देने वाले | ₹20 लाख से ज़्यादा | हाँ |
| उत्तर-पूर्व या पहाड़ी राज्यों में | ₹10 लाख से ज़्यादा | हाँ |
> 👉 मतलब — अगर आपका बिजनेस या दुकान का सालाना टर्नओवर इन सीमाओं से ज़्यादा है, तो **GST लेना जरूरी है।**
---
### 🔹 2. **अगर आप एक राज्य से दूसरे राज्य में माल या सेवा भेजते हैं (Inter-State Supply)**
जैसे —
दिल्ली से महाराष्ट्र में माल बेचना → **IGST लागू होगा**, और इसके लिए **GST रजिस्ट्रेशन जरूरी है।**
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### 🔹 3. **ऑनलाइन बिजनेस करने वाले (E-commerce sellers)**
अगर आप Amazon, Flipkart, Meesho, या अपनी वेबसाइट के ज़रिए सामान बेचते हैं —
तो आपको **GST नंबर लेना अनिवार्य है**, चाहे टर्नओवर कितना भी हो।
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### 🔹 4. **Import/Export करने वाले व्यापारी**
जो **सामान विदेश से लाते हैं या विदेश भेजते हैं**, उन्हें भी GST रजिस्ट्रेशन लेना होता है।
---
### 🔹 5. **Agent या Distributor जो किसी अन्य के behalf पर बिक्री करते हैं**
जैसे — commission agent, C&F agent, etc.
उन्हें भी GST रजिस्ट्रेशन लेना होता है।
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### 🔹 6. **Reverse Charge Mechanism (RCM)** के तहत टैक्स भरने वाले व्यक्ति
अगर किसी सप्लायर को GST नहीं है, और आप टैक्स RCM के तहत भरते हैं,
तो आपको भी GST रजिस्ट्रेशन लेना जरूरी है।
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## ⚙️ **स्वैच्छिक (Voluntary) रजिस्ट्रेशन**
अगर आपका टर्नओवर कम है, फिर भी आप **स्वेच्छा से GST लेना चाहते हैं**,
तो ले सकते हैं — इससे फायदा ये होगा कि आप अपने इनपुट टैक्स का **ITC (Input Tax Credit)** क्लेम कर सकते हैं।
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## 📌 **संक्षेप में**
| स्थिति | GST रजिस्ट्रेशन जरूरी है? |
| ------------------------------------------------ | ------------------------- |
| कारोबार ₹40 लाख/₹20 लाख से ज़्यादा | ✅ हाँ |
| राज्य से बाहर माल/सेवा भेजना | ✅ हाँ |
| ऑनलाइन सेल (Amazon/Flipkart) | ✅ हाँ |
| Export/Import बिजनेस | ✅ हाँ |
| एजेंट या कमीशन पर सेल | ✅ हाँ |
| Reverse Charge लागू हो | ✅ हाँ |
| टर्नओवर कम लेकिन स्वैच्छिक रूप से लेना चाहते हैं | ☑️ वैकल्पिक |
वहीं **“GST किसे नहीं लेना चाहिए”** समझना **छोटे व्यापारियों और आम लोगों** के लिए और भी ज़रूरी है।
आइए इसे बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं 👇
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## 🚫 **GST किसे नहीं लेना चाहिए (Who is not required to register under GST)**
### 🔹 1. **छोटे व्यापारी जिनका सालाना कारोबार (Turnover) सीमा से कम है**
| व्यापार का प्रकार | वार्षिक कारोबार सीमा | GST जरूरी है या नहीं |
| -------------------------------- | -------------------- | -------------------- |
| सामान (Goods) बेचने वाले | ₹40 लाख तक | ❌ नहीं |
| सेवाएं (Services) देने वाले | ₹20 लाख तक | ❌ नहीं |
| उत्तर-पूर्व / पहाड़ी राज्यों में | ₹10 लाख तक | ❌ नहीं |
> 👉 मतलब — अगर आपका सालाना टर्नओवर इन सीमाओं **से कम है**, तो **GST लेना अनिवार्य नहीं** है।
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### 🔹 2. **केवल Local (Intra-State) बिक्री करने वाले छोटे व्यापारी**
अगर आप सिर्फ अपने **राज्य के अंदर** माल या सेवा बेचते हैं,
और टर्नओवर सीमा से कम है — तो GST की जरूरत **नहीं** है।
> उदाहरण:
> आप लखनऊ में किराना स्टोर चलाते हैं और सिर्फ लखनऊ में ही बिक्री करते हैं — तो आपको GST की ज़रूरत नहीं।
---
### 🔹 3. **केवल कर-मुक्त (Exempt) वस्तुएं या सेवाएं बेचने वाले**
कुछ सामान और सेवाएं **GST से पूरी तरह मुक्त (Exempt)** हैं, जैसे:
* दूध, सब्जियां, फल
* गेहूं, चावल, दाल
* शिक्षा सेवाएं (School/College)
* स्वास्थ्य सेवाएं (Hospitals/Doctors)
> 👉 अगर आप सिर्फ इन्हीं वस्तुओं या सेवाओं में व्यापार करते हैं,
> तो आपको **GST लेने की जरूरत नहीं है।**
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### 🔹 4. **किसान और कृषि उत्पाद बेचने वाले**
अगर आप **कृषक (Farmer)** हैं और सिर्फ अपनी **खेती की उपज बेचते हैं** (जैसे गेहूं, चावल, फल, सब्जी आदि),
तो आपको GST लेने की ज़रूरत नहीं है।
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### 🔹 5. **व्यक्तिगत प्रोफेशनल जो केवल कम आय पर सेवाएं देते हैं**
जैसे — छोटे ट्यूटर, ब्यूटी पार्लर, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, लोकल दुकानदार आदि,
जिनकी आय टर्नओवर लिमिट से कम है — उन्हें GST लेने की जरूरत नहीं है।
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### 🔹 6. **Non-business (व्यक्तिगत उपयोग) करने वाले लोग**
अगर आप कोई बिजनेस नहीं करते — जैसे कोई **नौकरीपेशा व्यक्ति**,
तो आपको GST की कोई जरूरत नहीं है।
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## ⚙️ **संक्षेप में समझिए**
| स्थिति | GST जरूरी है? |
| ------------------------------------ | -------------------------- |
| सालाना कारोबार ₹40 लाख/₹20 लाख से कम | ❌ नहीं |
| केवल एक राज्य में व्यापार | ❌ नहीं (अगर टर्नओवर कम है) |
| किसान या कृषि उत्पाद बेचने वाले | ❌ नहीं |
| केवल कर-मुक्त सामान/सेवा | ❌ नहीं |
| नौकरीपेशा व्यक्ति | ❌ नहीं
कई लोग यही सोचते हैं — “**GST लेने से मुझे फायदा होगा या नुकसान?**”
तो आइए इसे एकदम आसान भाषा में समझते हैं 👇
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## ✅ **GST लेने के फायदे (Advantages of GST Registration)**
### 🔹 1. **बिजनेस को कानूनी पहचान (Legal Identity)**
GST नंबर लेने के बाद आपका व्यवसाय सरकार के रिकॉर्ड में आ जाता है।
➡️ इससे आपको **ट्रस्ट** और **कानूनी मान्यता** मिलती है।
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### 🔹 2. **बड़े ग्राहकों या कंपनियों से काम मिल सकता है**
कई कंपनियां या सरकारी संस्थान सिर्फ उन्हीं से सामान या सेवा खरीदते हैं जिनके पास **GST नंबर** होता है।
➡️ इससे आपको **बिजनेस के नए मौके (Opportunities)** मिलते हैं।
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### 🔹 3. **Input Tax Credit (ITC) का फायदा**
अगर आपने किसी सप्लायर से माल खरीदा और उसने GST लिया है,
तो आप वो टैक्स **अपने आउटपुट टैक्स से घटा सकते हैं।**
➡️ इससे आपका **कुल टैक्स बोझ कम** होता है।
> उदाहरण:
> आपने ₹10,000 का माल खरीदा — उस पर ₹1,800 GST दिया।
> फिर आपने ₹15,000 में बेचा — उस पर ₹2,700 GST लगाया।
> अब सरकार को सिर्फ ₹900 (2700–1800) देना होगा।
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### 🔹 4. **देशभर में एक समान टैक्स सिस्टम**
आप किसी भी राज्य में व्यापार कर सकते हैं —
अब हर राज्य का अलग टैक्स नहीं देना पड़ता।
---
### 🔹 5. **ऑनलाइन सुविधा और पारदर्शिता**
GST सिस्टम पूरी तरह **ऑनलाइन** है —
रजिस्ट्रेशन, बिलिंग, रिटर्न सब कुछ वेबसाइट से हो सकता है।
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### 🔹 6. **Export और Inter-State व्यापार आसान हुआ**
पहले राज्य बदलने पर Entry Tax, Octroi जैसे टैक्स लगते थे।
अब सिर्फ **IGST** लगता है, जिससे ट्रांसपोर्ट और बिजनेस आसान हुआ है।
---
## ⚠️ **GST के नुकसान (Disadvantages of GST Registration)**
### 🔸 1. **कागज़ी काम और Compliance बढ़ता है**
हर महीने या तिमाही में **GST Return फाइल** करनी होती है।
➡️ इसके लिए अकाउंटिंग ज्ञान या CA की मदद लगती है।
---
### 🔸 2. **कम टर्नओवर वालों के लिए बोझ**
अगर आपकी बिक्री बहुत कम है,
तो हर महीने रिटर्न फाइल करना और टैक्स देना **मुश्किल या खर्चीला** हो सकता है।
---
### 🔸 3. **देर से फाइल करने पर जुर्माना (Penalty)**
अगर आप समय पर GST Return नहीं भरते,
तो **लेट फीस + ब्याज (Interest)** लग सकता है।
---
### 🔸 4. **कंप्यूटर/इंटरनेट जरूरी है**
सारा सिस्टम ऑनलाइन है — इसलिए
जिन्हें कंप्यूटर या इंटरनेट का ज्ञान नहीं, उनके लिए थोड़ा कठिन हो सकता है।
---
### 🔸 5. **हर बिल पर GST लगाना जरूरी होता है**
अगर ग्राहक छोटा है या GST नहीं समझता,
तो उसे दाम ज़्यादा लग सकते हैं, जिससे **सेल कम हो सकती है।**
---
## 📊 **संक्षेप में — फायदे बनाम नुकसान**
| पहलू | फायदा (👍) | नुकसान (👎) |
| ------------------- | ----------- | ------------- |
| कानूनी पहचान | ✅ हाँ | ❌ नहीं |
| नए ग्राहक मिलना | ✅ हाँ | ❌ नहीं |
| टैक्स क्रेडिट (ITC) | ✅ हाँ | ❌ नहीं |
| टैक्स प्रक्रिया | ✅ पारदर्शी | ⚠️ थोड़ा जटिल |
| छोटे व्यापारी | ❌ कम उपयोगी | ⚠️ रिटर्न बोझ |
| जुर्माना/लेट फीस | ❌ नहीं | ⚠️ हाँ |
आइए मैं आपको **“GST लेने का तरीका (GST Registration Process)”**
पूरी तरह **स्टेप-बाय-स्टेप हिंदी में** समझाता हूँ 👇
## 🧾 **GST Registration कैसे करें (Online Process Step-by-Step in Hindi)**
### 🌐 **कहाँ से करें:**
👉 वेबसाइट: [https://www.gst.gov.in](https://www.gst.gov.in)
---
## 🔹 **स्टेप 1: GST पोर्टल खोलें**
1. अपने मोबाइल या कंप्यूटर में ब्राउज़र खोलें
2. वेबसाइट पर जाएं — **[www.gst.gov.in](https://www.gst.gov.in)**
3. वहाँ ऊपर मेनू में “**Services → Registration → New Registration**” पर क्लिक करें
---
## 🔹 **स्टेप 2: Basic जानकारी भरें**
यहाँ आपको कुछ जानकारी भरनी होती है 👇
* **I am a → Taxpayer** (चुनें)
* **State / District** — अपना राज्य और जिला चुनें
* **Legal Name of Business** — अपने बिजनेस का नाम (आधार या पैन के अनुसार)
* **PAN Number** — अपना **Permanent Account Number (PAN)** भरें
* **Email ID और Mobile Number** डालें (OTP आएगा)
फिर “**Proceed**” पर क्लिक करें
---
## 🔹 **स्टेप 3: OTP Verification करें**
आपके मोबाइल और ईमेल पर अलग-अलग OTP आएंगे
👉 दोनों OTP डालकर “**Proceed**” करें
👉 आपको एक **Temporary Reference Number (TRN)** मिलेगा
इस नंबर को **लिख लें या स्क्रीनशॉट ले लें** — ये अगले स्टेप में काम आएगा।
---
## 🔹 **स्टेप 4: TRN से लॉगिन करें**
1. वापस GST साइट पर जाएं
2. “**Temporary Reference Number (TRN)**” पर क्लिक करें
3. TRN डालें और मोबाइल/ईमेल पर आए OTP से लॉगिन करें
---
## 🔹 **स्टेप 5: Application Form भरें (Part-B)**
अब आपको 10 सेक्शन में पूरी जानकारी भरनी होती है 👇
| सेक्शन | क्या भरना है |
| ------------------------------- | ----------------------------- |
| 1️⃣ Business Details | बिजनेस का नाम, प्रकार, PAN |
| 2️⃣ Promoter/Partner Details | मालिक/डायरेक्टर की जानकारी |
| 3️⃣ Authorized Signatory | कौन रिटर्न साइन करेगा |
| 4️⃣ Principal Place of Business | दुकान/ऑफिस का पता |
| 5️⃣ Additional Place | अगर एक से ज़्यादा दुकानें हैं |
| 6️⃣ Goods and Services | कौन-सा माल/सेवा बेचते हैं |
| 7️⃣ Bank Account | बैंक का नाम, IFSC, खाता नंबर |
| 8️⃣ State Specific Info | स्थानीय जानकारी |
| 9️⃣ Verification | हस्ताक्षर (ई-साइन) |
---
## 🔹 **स्टेप 6: दस्तावेज़ अपलोड करें (Documents Required)**
| ज़रूरी दस्तावेज़ | किसके लिए जरूरी है |
| --------------------------------------------------- | ------------------------------- |
| 🪪 **PAN कार्ड** | बिजनेस/मालिक का |
| 🆔 **Aadhaar कार्ड** | मालिक/पार्टनर का |
| 🏠 **पते का प्रमाण** | बिजली बिल / किराया एग्रीमेंट |
| 🏦 **बैंक पासबुक / कैंसिल्ड चेक** | बैंक डिटेल के लिए |
| 📷 **पासपोर्ट साइज फोटो** | मालिक/साइन करने वाले व्यक्ति की |
| 📄 **बिजनेस रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (अगर कंपनी है)** | Pvt. Ltd / LLP / Firm के लिए |
---
## 🔹 **स्टेप 7: Application Verify करें**
आपके आवेदन को Verify करने के 3 तरीके हैं 👇
1. **Aadhaar OTP से ई-साइन करें**
2. **DSC (Digital Signature Certificate)**
3. **EVC (Electronic Verification Code)**
---
## 🔹 **स्टेप 8: ARN Number प्राप्त करें**
सफलतापूर्वक सबमिट करने पर आपको **ARN (Application Reference Number)** मिलेगा।
इससे आप अपने आवेदन की स्थिति (Status) ट्रैक कर सकते हैं।
---
## 🔹 **स्टेप 9: अधिकारी द्वारा सत्यापन (Verification by GST Officer)**
👉 अधिकारी आपके दस्तावेज़ों की जांच करेगा।
👉 सब कुछ सही होने पर **3–7 दिनों में आपका GSTIN (15-digit GST Number)** जारी हो जाता है।
---
## 🔹 **स्टेप 10: GST Certificate डाउनलोड करें**
आप अपने अकाउंट में लॉगिन करके
👉 “**Services → User Services → View/Download Certificates**”
से अपना **GST Registration Certificate** डाउनलोड कर सकते हैं।
---
## 📄 **उदाहरण: GSTIN कैसा दिखता है**
👉 उदाहरण: **09ABCDE1234F1Z5**
इसमें राज्य कोड + PAN नंबर + रजिस्ट्रेशन नंबर होता है।
---
## 📘 **संक्षेप में ज़रूरी बातें**
* आवेदन शुल्क: **फ्री (कोई चार्ज नहीं)**
* समय: **3 से 7 दिन में GST नंबर मिलता है**
* पोर्टल: [https://www.gst.gov.in](https://www.gst.gov.in)
बहुत अच्छा और ज़रूरी सवाल 👏 —
कई व्यापारी पूछते हैं — **“GST बंद कैसे कराएं?”**
यानि अगर आप बिज़नेस बंद कर चुके हैं या GST की ज़रूरत नहीं रही,
तो उसे **कानूनी तरीके से कैंसिल (Cancel) करवाना जरूरी** है।
आइए इसे आसान भाषा में पूरा समझते हैं 👇
---
## 🧾 **GST बंद कराने का तरीका (GST Cancellation Process in Hindi)**
आप **GST Registration बंद (Cancel)** तीन तरीकों से कर सकते हैं —
1️⃣ खुद से (Voluntary Cancellation)
2️⃣ अधिकारी द्वारा (By Tax Officer)
3️⃣ कानूनी कारणों से (Merger, Death, etc.)
---
## 🔹 **1. खुद से GST बंद कराना (Voluntary Cancellation)**
### ✳️ **कब करें:**
* बिजनेस बंद हो गया हो
* टर्नओवर लिमिट से नीचे आ गया हो
* आप अब GST के अंतर्गत नहीं आते
* आप Composition Scheme से बाहर निकलना चाहते हैं
---
### 🌐 **ऑनलाइन प्रक्रिया (Step-by-Step Process)**
#### 🔸 Step 1: GST Portal खोलें
👉 वेबसाइट: [https://www.gst.gov.in](https://www.gst.gov.in)
लॉगिन करें अपने **GSTIN, Username, और Password** से।
---
#### 🔸 Step 2: “Application for Cancellation” पर जाएं
ऊपर मेनू में जाएं:
**Services → Registration → Application for Cancellation of Registration**
---
#### 🔸 Step 3: Cancellation का कारण चुनें
ड्रॉपडाउन में से कारण चुनें, जैसे:
* बिजनेस बंद हो गया
* टर्नओवर सीमा से कम
* पैन गलत एंटर हुआ
* अन्य कारण
---
#### 🔸 Step 4: बिजनेस बंद होने की तारीख डालें
आपसे पूछा जाएगा —
**“Business बंद करने की तिथि (Date of Discontinuance)”**
वह तारीख भरें जब आपने व्यापार बंद किया था।
---
#### 🔸 Step 5: स्टॉक की जानकारी दें
आपके पास जो भी **माल या संपत्ति (Stock/Assets)** बची हो,
उस पर कितना GST बकाया है — यह बताना जरूरी है।
अगर कुछ नहीं है, तो **“Nil”** लिख सकते हैं।
---
#### 🔸 Step 6: Verification करें
* “**Verification**” सेक्शन में जाएं
* Authorized Signatory चुनें
* OTP या DSC से Verify करें
फिर **Submit** करें।
---
#### 🔸 Step 7: ARN Number प्राप्त करें
सबमिट करते ही आपको एक **ARN (Application Reference Number)** मिलेगा।
इसे **Save** कर लें — इससे आप स्थिति (Status) देख सकते हैं।
---
#### 🔸 Step 8: अधिकारी द्वारा सत्यापन
👉 GST Officer आपके आवेदन की जांच करेगा।
👉 सब कुछ सही मिलने पर आपका **GSTIN “Cancelled”** हो जाएगा।
---
## 🔹 **2. अधिकारी द्वारा रद्द (Suo Motu Cancellation)**
अगर आप —
* कई महीनों से **रिटर्न नहीं भर रहे हैं**,
* **फर्जी बिलिंग** कर रहे हैं,
* या **गलत GSTIN** का उपयोग कर रहे हैं,
तो अधिकारी खुद भी आपका GST नंबर **Cancel कर सकता है।**
---
## 🔹 **3. कानूनी कारणों से (Merger, Death, etc.)**
अगर मालिक की मृत्यु हो गई है या बिजनेस किसी और में **Merge/Transfer** हो गया है,
तो उस स्थिति में भी Cancellation किया जा सकता है —
नए मालिक को नया GSTIN लेना होता है।
---
## 📄 **Cancellation के बाद क्या करें?**
* आपको **Final Return (GSTR-10)** फाइल करनी होती है
ताकि आपके सारे टैक्स और ITC का समायोजन हो जाए।
* Cancellation के बाद **कोई बिल या GST Invoice जारी नहीं किया जा सकता।**
---
## ⚙️ **संक्षेप में:**
| चरण | विवरण |
| ------ | ---------------------------------------------------------- |
| Step 1 | [www.gst.gov.in](https://www.gst.gov.in) पर लॉगिन करें |
| Step 2 | Services → Registration → Application for Cancellation |
| Step 3 | कारण चुनें |
| Step 4 | बिजनेस बंद होने की तारीख भरें |
| Step 5 | Verification और Submit करें |
| Step 6 | ARN प्राप्त करें और Officer Verification की प्रतीक्षा करें |
---
## 🕒 **समय सीमा:**
आमतौर पर **15–30 दिनों** में GSTIN पूरी तरह **Cancel** हो जाता है।




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